चक्रवात ताउते: नौसेना ने तूफान में फंसे बजरे पर सवार 146 लोगों को बचाया, अन्य की तलाश जारी

चक्रवात ताउते: नौसेना ने तूफान में फंसे बजरे पर सवार 146 लोगों को बचाया, अन्य की तलाश जारी

फोटो स्रोत: PRO Defence Mumbai ट्विटर अकाउंट।

मुंबई/भाषा। भारतीय नौसेना ने अरब सागर में आए चक्रवातीय तूफान ‘ताउते’ के कारण समु्द्र में अनियंत्रित होकर बहे एक बजरे पर सवार 146 लोगों को बचा लिया है और बाकी की तलाश अभी जारी है। एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना ने बचाव कार्य के लिए मंगलवार सुबह पी-81 को तैनात किया था। यह खोज एवं बचाव कार्यों के लिए नौसेना का एक बहुमिशन समुद्री गश्ती विमान है।

अधिकारी ने कहा, ‘खोज एवं बचाव (एसएआर) कार्य सारी रात चला और समुद्र में चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए मंगलवार सुबह छह बजे तक पी305 से 146 लोगों को बचा लिया गया। आईएनएस कोच्चि तथा आईएनएस कोलकाता ने 111 लोगों को बचाया, अपतटीय सहायता पोत (ओएसवी) ‘ग्रेटशिप अहिल्या’ ने 17 लोगों को और ओएसवी ‘ओशन एनर्जी’ ने 18 लोगों को बचाया।’

नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि बजरा ‘गल कन्स्ट्रक्टर’ बहकर कोलाबा पॉइंट के उत्तर में 48 समुद्री मील दूर चला गया, इसमें 137 लोग सवार हैं। एक आपातकालीन ‘टोइंग’ पोत ‘वाटर लिली’, दो सहायक पोत और सीजीएस सम्राट को क्षेत्र में मदद के लिए तथा चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए भेजा गया है।

प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘आईएनएस तलवार एक अन्य तेल रिग सागर भूषण और बजरे एसएस-3 की मदद के लिए जा रहा है। दोनों ही अभी पीपावाव बंदरगाह से लगभग 50 समुद्री मील दक्षिण पूर्व में हैं।’

सागर भूषण में 101 और बजरे एसएस-3 पर 196 लोग सवार हैं। उन्होंने कहा, ‘भारतीय नौसेना के पी81 निगरानी विमान की तैनाती के साथ ही आज सुबह यह बचाव अभियान और व्यापक किया गया। मौसम की स्थिति देखते हुए राहत एवं बचाव के लिए नौसेना के हेलीकॉप्टर भी तैनात किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा, ‘राहत एवं बचाव के प्रयास जारी रहेंगे, अभियान को अधिक व्यापक बनाने के लिए नौसेना के और संसाधन भी तैयार हैं।’

इससे पहले, सोमवार को निर्माण कम्पनी ‘एफकान्स’ के बंबई हाई तेल क्षेत्र में अपतटीय उत्खनन के लिए तैनात दो बजरे लंगर से खिसक गए थे और वे समुद्र में अनियंत्रित होकर बहने लगे थे, जिसकी जानकारी मिलने के बाद नौसेना ने तीन फ्रंटलाइन युद्धपोत तैनात किए थे। इन दो बजरे पर 410 लोग सवार थे। दो बजरे की मदद के लिए आईएनएस कोलकाता, आईएनएस कोच्चि और आईएनएस तलवार को तैनात किया गया था।

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