हम जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और अमन-चैन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध: सैन्य कमांडर जोशी

हम जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और अमन-चैन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध: सैन्य कमांडर जोशी

सुरक्षा बलों के जवान। प्रतीकात्मक चित्र। स्रोत: PixaBay

उधमपुर/भाषा। उत्तरी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा परिदृश्य कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा है तथा सेना यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि असैन्य प्रशासन भयमुक्त माहौल में काम कर सके।

करगिल युद्ध में भाग ले चुके लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि सुरक्षा बलों के समन्वित, नैतिक और अचूक अभियानों से जम्मू-कश्मीर में गतिविधियां चला रहे तंजीमों (आतंकवादी समूहों), आतंकवादी नेटवर्क को और उनके क्षेत्रीय व विदेशी आकाओं को गहरा आघात पहुंचा है।

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में कुछ घटनाओं को छोड़ दें तो कुल मिलाकर सुरक्षा परिदृश्य शांतिपूर्ण रहा है। इन छिटपुट घटनाओं में आतंकवादियों ने अपनी हताशा को निकालने के लिए नागरिकों के कमजोर और संवेदनशील वर्गों को निशाना बनाया।’

लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा, ‘बिना प्रभावी नेतृत्व के तंजीम (आतंकी संगठन) दिशाहीन हो गये हैं और उनके पास हथियारों, गोला-बारूद तथ अन्य युद्धक सामग्री विशेष रूप से स्वचालित हथियारों की कमी है।’

उन्होंने कहा कि इसके नतीजतन आतंकवादी निम्न स्तर के हमले कर रहे हैं और सीधे बंदूकी संघर्ष से बच रहे हैं। कमांडर ने कहा कि आतंकवादी जब सुरक्षा बलों के सामने पड़ जाते हैं तो सीधी लड़ाई से बचते हैं।

लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने कहा कि आतंकवादी समूहों द्वारा स्थानीय युवकों की भर्ती कुल मिलाकर सीमित हो गयी है और केवल दक्षिण कश्मीर के तीन जिलों में है। उन्होंने कहा, ‘कश्मीर घाटी में बदलाव साफ नजर आ रहा है जहां उत्तर कश्मीर ने शांति के फायदे उठाना शुरू कर दिया है।’

कमांडर ने कहा कि सुरक्षा बलों की एक और पहल के तहत स्थानीय आतंकवादियों के आत्मसमर्पण कराने में सफलता मिल रही है और यह इस बात का संकेत है कि हथियार उठाने के लिए मजबूर किये जा रहे युवाओं का इससे मोहभंग हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘हम जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति और अमन-चैन बनाकर रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि असैन्य प्रशासन निडरता वाले माहौल में काम कर सके।’ लेफ्टिनेंट जनरल जोशी ने यह भी कहा कि आने वाले महीनों में आतंकवाद निरोधक अभियानों की तीव्रता इसी तरह रहेगी।

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