उप्र: पुलिसकर्मियों को निर्देश- किसी को राहत सामग्री की मदद देते समय उसकी फोटो न खींचें

उप्र: पुलिसकर्मियों को निर्देश- किसी को राहत सामग्री की मदद देते समय उसकी फोटो न खींचें

लखनऊ/भाषा। उत्तर प्रदेश पुलिस की आपातकालीन सेवा 112 के अपर पुलिस महानिदेशक असीम अरुण ने कहा है कि पुलिस की गाड़ियां (पीआरवी) में तैनात पुलिसकर्मी कोविड-19 लॉकडाउन में फंसे लोगो को राहत सामग्री बांटते समय उनकी फोटो न खींचें।

अरुण ने उप्र के सभी पुलिस कप्तानों को भेजे गये पत्र में कहा है, ‘पीआरवी द्वारा राहत सामग्री पहुंचाते समय संबंधित की फोटो खींची जाती है जो सोशल मीडिया तक पहुंच जाती है। ऐसा संज्ञान में आया है कि अपना चेहरा सार्वजनिक होने के डर से जरूरतमंद लोग राहत सामग्री प्राप्त करने से कतरा रहे हैं।’

उन्होंने कहा, ‘अत: आप अपने जनपदों में संचालित पीआरवी को राहत सामग्री देते हुए फोटो न खींचे जाने तथा इस प्रकार की फोटो किसी भी प्रकार के सोशल मीडिया एप्स पर पोस्ट न करने संबंधी निर्देश निर्गत करें।’

एडीजी अरुण ने बताया, ‘लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अभी तक 112 नंबर पर फोन आने के बाद करीब 91 हजार लोगों को भोजन, दवाई आदि पीआरवी के सिपाहियों द्वारा उपलब्ध करायी जा चुकी है। इसके अलावा हजारों लोगो को बिना फोन कॉल के भी मदद की जा रही है और यह सिलसिला लगातार जारी है।’

उन्होंने बताया, ‘करीब 1100 महिला और पुरुष पुलिसकर्मी एक भवन के अंदर इमर्जेंसी सेवाओं के 112 नंबर पर आई फोन काल रिसीव करते हैं, जबकि पूरे प्रदेश में 35 हजार पीआरवी (पुलिस की गाड़ियों) पर हजारों जवान चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं और कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन में आम जनता की उनके दरवाजे पर जाकर मदद कर रहे हैं।’

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