रिपोर्ट: गांवों में रोशनी के साथ कमाई के मौके भी दे रही है सौर ऊर्जा

रिपोर्ट: गांवों में रोशनी के साथ कमाई के मौके भी दे रही है सौर ऊर्जा

सौर ऊर्जा यंत्र

नई दिल्ली/भाषा। देश के दूर-दराज क्षेत्रों में जहां बिजली की कटौती होती है, ऐसे गांवों में सौर ऊर्जा चलित प्रणाली (एसएचएस) के जरिए लालटेन, पंखे, फोटो स्टेट मशीन का उपयोग बढ़ने से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है। इससे आय में सुधार के साथ ग्रामीणों के जीवन स्तर में सकारात्मक बदलाव देखा जा रहा है।

‘ऑफ ग्रिड’ सौर ऊर्जा उद्योग के वैश्विक निकाय गोगला द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट ‘द पावरिंग आपरच्युनिटीज इन साउथ एशिया’ में यह बात कही गई है। उत्तर प्रदेश और असम के 949 ग्रामीण परिवारों के बीच किए गए सर्वे के आधार पर तैयार रिपोर्ट के अनुसार, इन उपकरणों का उपयोग करने वाले परिवारों में 94 प्रतिशत ने अपने जीवन स्तर में सुधार महसूस किया।

इसमें 90 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि सौर ऊर्जा के जरिए हर समय बिजली रहने से वे सुरक्षित महसूस करते हैं जबकि 66 प्रतिशत ने कहा कि इससे बच्चों को पढ़ने-लिखने का अधिक मौका मिल रहा है। सर्वे के अनुसार, लोग आय बढ़ाने के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाले उपकरणों का उपयोग करते हैं जिससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ती हैं।

इसमें कहा गया है कि 12 प्रतिशत परिवारों के अनुसार सौर ऊर्जा उपकरणों की बदौलत आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ी हैं। वहीं 11 प्रतिशत परिवारों ने कहा कि सौर चलित उपकरणों के उपयोग से उनकी आय में 66 डॉलर (करीब 4,702 रुपए) प्रति माह की वृद्धि हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, सौर ऊर्जा चालित उपकरणों के जरिए लोग फोटो स्टेट, मोबाइल चार्ज जैसे काम बिजली नहीं रहने पर भी कर पाते हैं और इससे आर्थिक गतिविधियां बढ़ने के साथ उनकी आय बढ़ती है। अध्ययन के अनुसार सर्वे में शामिल परिवारों में से करीब 61 प्रतिशत परिवार इन उपकरणों का उपयोग ‘बैक अप’ के रूप में कर रहे हैं। यानी जब बिजली नहीं होती है तो इन्हीं उपकरणों से अपना काम चलाते हैं।

गोगला के भारत में क्षेत्रीय प्रतिनिधि विराज गाडा ने एक बयान में कहा, ‘… बिजली पहुंच बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसमें दूर-दराज के क्षेत्रों में छोटे सौर उपकरण प्रणाली उपलब्ध कराना शामिल हैं। इसका भारतीय परिवार पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।’

उन्होंने कहा, ‘हालांकि, अधिकतर ग्राहक अपने सोलर होम सिस्टम का उपयोग बिजली बैक-अप के रूप में कर रहे हैं, लेकिन इससे उनके जीवन पर अच्छा प्रभाव पड़ रहा है और ग्रामीण और दूरदराज क्षेत्रों में आर्थिक अवसर सृजित हो रहे हैं।’

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