कोलकाता/गुवाहाटी/पटना/शिलॉन्ग/भाषा। संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ बिहार में शनिवार को आहूत बंद के मद्देनजर कई ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं और सड़कें जाम की गईं, जबकि पश्चिम बंगाल, असम और मेघालय में स्थिति शांतिपूर्ण रही।
बिहार में राजद के हजारों समर्थकों ने संशोधित नागरिकता कानून और प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के तहत राज्यव्यापी बंद लागू करने की कोशिश की।
इस दौरान राजधानी पटना में पार्टी के सैकड़ों समर्थक लाठियां और पार्टी के झंडे लेकर रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों में पहुंच गए, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां से हटा दिया। प्रदर्शन में बच्चे भी शामिल रहे।
नवादा में बंद समर्थकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर प्रदर्शन किया। उन्होंने वहां सड़क पर टायर जलाए जिससे वाहनों का आवागमन बाधित हुआ। प्रदर्शनकारियों ने मुजफ्फरपुर के जीरो माइल चौक पर भी प्रदर्शन किया।
इस बीच, असम और पश्चिम बंगाल में स्थिति शांतिपूर्ण रही और मेघालय में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। मेघालय में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले आठ दिन से ठप पड़ी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है।
गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोबाइल इंटरनेट और व्यापक स्तर पर संदेश भेजने की सेवाओं पर 12 दिसम्बर को रोक लगाई गई थी, जिसे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने के बाद शुक्रवार शाम सात बजे बहाल कर दिया गया।
मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया और इसके बाद राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और एसएमएस सेवाएं बहाल करने के निर्देश दिए।
वहीं असम में पुलिस ने बताया कि कानून-व्यवस्था सुधरने के मद्देनजर डिब्रूगढ़ में शनिवार को कर्फ्यू में सुबह छह बजे से 16 घंटे की ढील दी गई। कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था।
राज्य में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने दोपहर में गुवाहाटी में धरना देने का कार्यक्रम बनाया है।
राज्य में नौ दिनों की रोक के बाद शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं जबकि ब्रॉडबैंड सेवाएं 18 दिसंबर से फिर से शुरू कर दी गईं थी।
संशोधित नागरिकता कानून के विरोध को लेकर पश्चिम बंगाल में किसी तरह की हिंसा की कोई खबर नहीं है और स्थिति अभी तक शांतिपूर्ण बनी हुई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए राज्य में कई हिस्सों में सुरक्षा कड़ी कर दी है।
राज्य में जारी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में संलिप्तता के मामले में अभी तक 600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है।