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इंदौर: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के ठिकानों पर छापे, बेहिसाब संपत्ति का खुलासा

इंदौर: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के ठिकानों पर छापे, बेहिसाब संपत्ति का खुलासा

सांकेतिक चित्र

इंदौर/भाषा। भारी भ्रष्टाचार के संदेह में लोकायुक्त पुलिस ने इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के ठिकानों पर मंगलवार को छापे मारे। छापों में जांचकर्ताओं को उसकी वैध आय से कहीं ज्यादा संपत्ति के सुराग मिले हैं।

लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि आईएमसी के बेलदार (बिल बांटने और अन्य छोटे-मोटे काम करने वाला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) रियाजुल हक अंसारी (35) के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उसने भ्रष्ट तरीकों से खासी संपत्ति अर्जित की है। इस शिकायत पर उसके घर तथा दो अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए।

बघेल ने बताया कि छापों में अंसारी के घर से 50,000 रुपए की नकदी और सोने-चांदी के कुछ जेवरात बरामद किए गए हैं। आईएमसी कर्मचारी के खिलाफ जारी जांच के घेरे में आईं अचल सम्पत्तियों में शहर के एक रिहाइशी अपार्टमेंट में दो फ्लैट, एक पेंट हाउस, एक भूखंड जिस पर मकान बनाया जा रहा है, एक भवन और एक दुकान शामिल है। इनमें से कुछ संपत्तियां अंसारी के परिजनों के नाम से भी खरीदी गई हैं।

उन्होंने बताया कि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के घर एक छोटी एसयूवी गाड़ी तथा दो पहियों वाले दो वाहन भी मिले हैं। डीएसपी ने बताया कि अंसारी वर्ष 2003 में आईएमसी की सरकारी सेवा में शामिल हुआ था। गुजरे 16 साल में उसने आईएमसी के वेतन से करीब 25 लाख रुपए कमाये हैं, जबकि उसके ठिकानों पर छापों के बाद जांच के घेरे में आईं चल-अचल संपत्तियों का कुल मूल्य इस रकम से कहीं ज्यादा है।

मामले में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत विस्तृत जांच और आईएमसी कर्मचारी की बेहिसाब संपत्ति का मूल्यांकन जारी है।

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