गुरुनानक का संदेश सांप्रदायिक हिंसा को खत्म करने का मार्ग दिखा सकता है : मनमोहन

गुरुनानक का संदेश सांप्रदायिक हिंसा को खत्म करने का मार्ग दिखा सकता है : मनमोहन

Vice President M Venkaiah Naidu, Former Prime Minister Manmohan Singh, Punjab Chief Minister Captain Amarinder Singh, Haryana Chief Minister Manohar Lal Khattar at the special session of Punjab Assembly convened to commemorate the 550th Birth Anniversary of Guru Nanak Dev Ji, in Chandigarh on Wednesday.

चंडीगढ़/भाषा। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने सांप्रदायिक हिंसा को विश्‍व के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए बुधवार को कहा कि गुरु नानक देव जी का एक ईश्‍वर, धार्मिक सहिष्णुता और शांति का शाश्‍वत संदेश इसे खत्म करने का मार्ग दिखा सकता है। उन्होंने समतामूलक समाज सुनिश्‍चित करने के लिए सभी से सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के एक-दूसरे से प्यार एवं सम्मान के संदेश को आगे बढ़ाने की बुधवार को अपील की। खुशहाल भविष्य सुनिश्‍चित करने के लिए शांति एवं सौहार्द को एकमात्र रास्ता बताते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि संघर्षों के टिकाऊ समाधान के लिए करतारपुर मॉडल को भविष्य में भी दोहराया जाएगा। सिंह ने सांप्रदायिक हिंसा को विश्‍व के सामने खड़ी सबसे बड़ी चुनौती बताते हुए कहा, गुरु नानक देव जी का एक ईश्‍वर, धार्मिक सहिष्णुता और शांति का शाश्‍वत संदेश सांप्रदायिक हिंसा को खत्म करने का मार्ग दिखा सकता है।
उन्होंने गुरु नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रखे गए पंजाब विधानसभा के स्मारक सत्र में कहा, पंजाब गुरु नानक देव जी की कर्म भूमि है। गुरु नानक देव की विरासत को हम कैसे जीवित रखेंगे जब उसका युवा नशे का आदी होगा, पानी जहरीला होता जाएगा और महिलाओं का अनादर किया जाएगा। उनकी 550वीं जयंती पर यह सबसे अहम सवाल है। इस ऐतिहासिक सत्र में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि थे। पंजाब के राज्यपाल वीपीएस बदनौर, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला समेत पंजाब और हरियाणा के कई सांसद एवं विधायक इस अवसर पर उपस्थित थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने उपराष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री, पंजाब और हरियाणा के राज्यपालों और हरियाणा के मुख्यमंत्री को स्वर्ण एवं रजत स्मारक सिक्कों, भेंटों और पुस्तकों से सम्मानित किया।

About The Author: Dakshin Bharat