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हड़ताल के बावजूद डाक्टरों ने करवाई डिलीवरी

हड़ताल के बावजूद डाक्टरों ने करवाई डिलीवरी

सांकेतिक चित्र

कोलकाता/दक्षिण भारत। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच तकरार के बाद हड़ताल जारी है। इससे राज्यभर में मरीजों को काफी परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है। अब तक कई डॉक्टर इस्तीफा दे चुके हैं और अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेजों के बाहर धरना दिया जा रहा है।

हालांकि इस बीच एक ऐसी घटना सामने आई जिसके बाद हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के एक समूह की तारीफ की जा रही है। दरअसल उन्होंने प्रसव पीड़ा से जूझ रही एक महिला के लिए अपनी हड़ताल बीच में छोड़ी और उसकी मदद की। महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया है और दोनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह पूजा भारती (26) के परिवार की चिंता उस समय बढ़ गई जब वे प्रसव पीड़ा महसूस करने लगीं। चूंकि राज्यभर में डॉक्टरों की हड़ताल थी, ऐसे में प्रसव कराने के लिए चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो पाना कठिन था।

मुश्किल वक्त में कोई और उपाय नहीं मिला तो पूजा का परिवार उन्हें आरजी कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल लेकर आ गया। यहां विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि वे महिला को किसी और अस्पताल में लेकर जाएं, यहां इलाज नहीं होगा।

बाद में प्रसव पीड़ा ज्यादा होने पर डॉक्टरों ने उन्हें चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने का फैसला किया। कुछ इंटर्न डॉक्‍टर और दो पोस्‍ट ग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्‍टर ने पूजा का प्रसव कराया।

बच्चे के जन्म के बाद परिवार ने डॉक्टरों को धन्यवाद कहा है। पूजा ने बताया कि उन्हें ऐसा लग रहा था कि अब जान बचना भी मुश्किल है, लेकिन मदद के लिए आए डॉक्टरों को देख राहत महसूस की। वहीं, इंटर्न डॉक्‍टर भास्‍कर दास ने बताया कि महिला को प्रसव पीड़ा में देख उसे नहीं लौटाया, क्योंकि ऐसा अमानवीय होता। डॉक्‍टर निरुपमा डे ने कहा कि हम भी इनसान हैं और मरीज की पीड़ा समझ सकते हैं।

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