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प्रतिभा पलायन को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार : जावडेकर

प्रतिभा पलायन को रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी सरकार : जावडेकर

जयपुर। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकश जावडे़कर ने कहा है कि केन्द्र सरकार देश से प्रतिभा पलायन को रोकने में कोई कसर नहीं छो़डेगी। इसके लिए देश में विश्वस्तरीय अनुसंधान सुविधाएं विकसित करने के साथ ही अध्यापन की गुणवत्ता में सुधार पर विशेष ध्यान केन्द्रीत किया जाएगा।जाव़डेकर ने गुरुवार को जयपुर में मणिपाल विश्वविद्यालय के चौथे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में उत्कृष्ट अनुसंधान संस्थाएं विकसित करने और अध्यापकों के कौशल में विकास के लिए २० हजार करो़ड रुपए का विशेष कोष बनाया जाएगा। जाव़डेकर ने कहा कि छात्रवृति के तौर पर दी जाने वाली धनराशि का कम होना भी प्रतिभा पलायन का महत्वपूर्ण कारण है। इससे निपटने के लिए सरकार ने तय किया है कि हर साल देश के एक हजार सर्वश्रेष्ठ विद्यार्थियों को हर महीने ७५ हजार की प्रधानमंत्री छात्रवृति दी जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि सरकार ने देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से २० विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय खोलने का फैसला किया है। इन्हें पहले चरण में दुनिया के श्रेष्ठ २०० और दुसरे चरण में प्रथम १०० विश्वविद्यालयों में स्थान दिलाने के लक्ष्य के साथ खोला जाएगा।उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य ज्ञानवर्धन और कौशल विकास के साथ ही अच्छे इंसान बनाना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों का भी यह कर्त्तव्य है कि वे बच्चों और युवाओं को समाज के विकास में भरपूर योगदान देने के लिए प्रेरित करें। जाव़डेकर ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एकता में अनेकता के माहौल के बीच प़डने का मौका मिलता है। इससे उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास में मदद मिलती है।श्री जाव़डेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री की पहल पर शुरू किये गए ऑनलाइन शिक्षण पोर्टल स्वयं को काफी लोकप्रियता मिल रही है अब तक डे़ढ लाख से अधिक विद्यार्थी इस पोर्टल पर पंजीकरण करा चुके हैं. मानव संसाधन विकास मंत्री ने शिक्षा के विकास के क्षेत्र में मणिपाल विश्वविद्यालय द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की. समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी और शिक्षा राज्य मंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने भी अपने विचार व्यक्त किये इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के करीब एक हजार विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया

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