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लालू की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर सुशील का नया खुलासा

लालू की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर सुशील का नया खुलासा

सीवान। बिहार के सीवान जिले की एक अदालत ने ३५ साल पूर्व तीन लोगों की हत्या के मामले में मंगलवार को १२ अभियुक्तों को उम्रकैद तथा पांच पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। अपर जिला न्यायधीश ने बरवन गांव निवासी शिवशंकर पाठक एवं उनके पुत्र गिरिजेश पाठक तथा कन्हैया पाठक की हत्या के मामले में उसी गांव के रामसुरेश पाठक, प्रभुनाथ पाठक, रामविलास पाठक, बच्चा पाठक, जोगिंदर पाठक, हरेंद्र पाठक, तारकेश्वर पाठक, व्यास पाठक, पहवारी पाठक, उमा पाठक और अमर पाठक को उम्रकैद तथा पांच पांच हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई। इन अभियुक्तों पर २९ मई १९८२ को एक जामुन के पे़ड के मालिकाना हक को लेकर श्विशंकर सहित तीन की हत्या का आरोप था।

पटना। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) बिहार विधान मंडल दल के नेता और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कथित बेनामी सम्पत्ति को लेकर मंगलवार को एक नया खुलासा किया कि रेलवे के एक खलासी ने भी यादव की बेटी हेमा यादव को करो़ड रुपए की जमीन दान में दे दी। मोदी ने यहां जनता के दरबार कार्यक्रम के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यादव के परिवार को जमीन दान देने वालों का सिलसिला अंतहीन नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि यादव की पुत्री हेमा यादव को गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले ललन चौधरी ने ही केवल ६२ लाख रुपए की ७.७५ डिसमिल जमीन दान में नहीं दी बल्कि उसी दिन रेलवे के कोचिंग कॉम्पलेक्स स्टोर राजेन्द्रनगर पटना में कार्यरत खलासी हृदयानंद चौधरी ने भी इतनी ही जमीन दान में दी। भाजपा नेता ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि सीवान के सिया़ढी ब़डहरिया के रहने वाले ललन चौधरी और गोपालगंज के उचकागांव थाना क्षेत्र के इटवा गांव निवासी हृदयानंद चौधरी ने एक ही दिन २९ मार्च २००८ को स्वर्गीय देवकी राय के दो पुत्र विशुनदेव राय और ब्रजनंदन राय से एक ही कीमत ४.२१ लाख रुपए पर ७.७५ डिसमिल जमीन पटना के दानापुर में खरीदी थी। इसके बाद ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी ने १३ फरवरी २०१४ को दोनों जमीन यादव की पुत्री हेमा यादव को दान में दे दी। मोदी ने कहा कि उस समय ७.७५ डिसमिल जमीन की कीमत ६२ लाख १० हजार रुपए थी और दोनों ने स्टांप ड्यूटी के तौर पर अलग-अलग छह लाख २८ हजार रुपया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य शाखा में जमा कराया था। उन्होंने कहा कि दिलचस्प बात यह भी है कि ललन चौधरी के दानपत्र में हृदयानंद चौधरी और हृदयानंद चौधरी के दानपत्र में ललन चौधरी गवाह हैं। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहते हुए जिनको नौकरी, ठेका या अन्य तरीके से मदद की उनसे सीधे जमीन लिखवा लिया। उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है कि ललन चौधरी और हृदयानंद चौधरी जैसे लोगों का इस्तेमाल श्री यादव ने ‘सेरोगेट मदर‘ के रुप में किया, पहले जमीन उनके नाम लिखवाया और बाद में अपने परिवार के सदस्यों को दान करवा दिया।

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