सरकार ने ट्विटर को नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया

सरकार ने ट्विटर को नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया

फोटो स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। सरकार ने शनिवार को ट्विटर को नोटिस जारी कर उसे तत्काल नए आईटी नियमों के अनुपालन के लिए ‘एक आखिरी मौका’ दिया है। सरकार की ओर से आगाह किया गया है कि यदि ट्विटर इन नियमों का अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वह आईटी कानून के तहत दायित्व से प्राप्त छूट को गंवा देगा।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी) ने कहा कि ट्विटर द्वारा इन नियमों के अनुपालन से इनकार से पता चलता है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट में प्रतिबद्धता की कमी है और वह भारत के लोगों को अपने मंच पर सुरक्षित अनुभव प्रदान करने का प्रयास नहीं करना चाहती।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ‘भारत में करीब एक दशक से अधिक से परिचालन के बावजूद यह विश्वास करना मुश्किल है कि ट्विटर एक ऐसा तंत्र विकसित करने से कतराती रही है, जिससे भारत के लोगों को उसके मंच पर अपने मुद्दों के समयबद्ध और पारदर्शी व उचित प्रक्रिया से समाधान में मदद मिलती।’

मंत्रालय ने कहा कि ये नियम हालांकि 26 मई, 2021 से प्रभावी हैं, लेकिन सद्भावना के तहत टि्वटर इंक को एक आखिरी नोटिस के जरिए नियमों के अनुपालन का अवसर दिया जाता है। उसे तत्काल नियमों का अनुपालन करना है। यदि वह इसमें विफल रहती है, तो उसे दायित्व से जो छूट मिली है, वह वापस ले ली जाएगी। साथ ही उसे आईटी कानून और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा।

नोटिस में हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ट्विटर को इन नियमों का अनुपालन कब तक करना है। आईटी मंत्रालय के नोटिस में इस बात का उल्लेख किया गया है कि टि्वटर इंक के मूल देश के बाहर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने सबसे पहले माइक्रोब्लॉगिंग मंच को उत्साह से अपनाया है।

मंत्रालय ने इस बात पर जोर दिया कि इस मंच पर जिन लोगों अपमानित किया जाता है, या जो मानहानि या यौन प्रताड़ना का शिकार होते हैं, उन्हें एक शिकायत निपटान व्यवस्था पाने का अधिकार है। भारत के लोगों ने कानून के तहत ऐसा किया है।

बयान में कहा गया है कि ट्विटर का इस्तेमाल करने वाले लोगों को अपनी शिकायतों और विवादों के निपटान के लिए एक उचित व्यवस्था का अधिकार है और यह उनकी मांग है। इस बारे में पीटीआई द्वारा ट्विटर को भेजे ई-मेल का जवाब नहीं मिला है।

मेइटी ने इस बात पर क्षोभ जताया कि उसके पत्रों पर ट्विटर ने न तो जो स्पष्टीकरण मांगे थे वे दिए और न ही नियमों के पूर्ण अनुपालन के बारे में कोई संकेत दिया। बयान में कहा गया है कि आज की तारीख तक ट्विटर ने मुख्य अनुपालन अधिकारी का ब्योरा नहीं दिया है। नियमों के तहत यह जरूरी है।

इसके अलावा निवासी शिकायत अधिकारी और नोडल संपर्क व्यक्ति के रूप में ट्विटर ने जो नाम दिया है वह कंपनी का कर्मचारी नहीं है। नियमों के तहत यह जरूरी है। मंत्रालय ने कहा कि टि्वटर इंक ने कार्यालय का जो पता दिया है वह भारत में एक विधि कंपनी का पता है। यह नियमों के तहत नहीं आता।

मंत्रालय ने ट्विटर को स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के बर्ताव के चलते उसे आईटी कानून के तहत दायित्व से छूट को गंवाना पड़ सकता है। सरकार के हालिया आंकड़ों के अनुसार भारत में ट्विटर के प्रयोगकर्ताओं की संख्या 1.75 करोड़ है।

कुछ संदेशों के प्रबंधन के ट्विटर के तरीके को लेकर हाल के समय में काफी विवाद हुआ है। इसके चलते केंद्र और सोशल मीडिया मंच के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है। ट्विटर ने हाल के दिनों में विपक्ष के कुछ कथित रणनीति दस्तावेजों पर कुछ भाजपा नेताओं के ट्वीट को ‘मैनुपुलेटेड मीडिया’ करार दिया था। इसके लेकर काफी विवाद छिड़ा है।

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने शनिवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के व्यक्तिगत खाते में वेरिफाइड ब्लू टिक को पहले हटा दिया और फिर उसे बहाल कर दिया।

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