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केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा: अनलॉक प्रक्रिया सावधानीपूर्वक व्यवस्थित हो

केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा: अनलॉक प्रक्रिया सावधानीपूर्वक व्यवस्थित हो
केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से कहा: अनलॉक प्रक्रिया सावधानीपूर्वक व्यवस्थित हो

प्रतीकात्मक चित्र। स्रोत: PixaBay

नई दिल्ली/भाषा। केंद्र सरकार ने शनिवार को राज्यों से अपील की है कि वह कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन खोलते समय कोविड अनुकूल व्यवहार, जांच-निगरानी-इलाज, टीकाकरण जैसी ‘अति महत्वपूर्ण’ पांच रणनीतियां अपनाए।

सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भेजे संदेश में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि संक्रमण के प्रसार की कड़ी को तोड़ने के लिए मौजूदा परिदृश्य में कोविड-19 रोधी टीकाकरण बेहद अहम है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में राज्य और केंद्र शासित प्रदेश टीकाकरण की गति तेज करें। गृह सचिव ने कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में संक्रमण के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई और कइयों ने संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध लगाए।

उन्होंने कहा, ‘संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने प्रतिबंधों में राहत देना शुरू किया है, ऐसे में मैं यह रेखांकित करना चाहूंगा कि लॉकडाउन खोलने की प्रक्रिया सावधानीपूर्वक व्यवस्थित और जमीनी स्थिति के आकलन के आधार पर हो।’

गृह सचिव ने कहा कि संक्रमण से निपटने के लिए अनुकूल व्यवहार की नियमित निगरानी की जरूरत है ताकि खामियों से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि इस व्यवहार में मास्क का इस्तेमाल, हाथ धोना, सामाजिक दूरी और बंद स्थलों का हवादार होना सुनिश्चित करना शामिल है।

उन्होंने कहा, ‘कुछ राज्यों में प्रतिबंधों में राहत से बाजार में भीड़ जमा हो गई और कोविड-19 से बचाव संबंधी नियमों का पालन नहीं किया गया।’

उन्होंने कहा कि संक्रमण के प्रसार पर सतत आधार पर नियंत्रित करने के लिए यह आवश्यक है कि जांच-निगरानी-इलाज जैसी रणनीति का सहारा लिया जाए और खास तौर पर यह सुनिश्चित हो कि जांच दर में कमी न होने पाए।

भल्ला ने कहा कि चूंकि महामारी की स्थिति में बदलाव होता रहता है, ऐसे में इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में वृद्धि या फिर संक्रमण दर में वृद्धि की शुरुआती संकेत पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि लघु स्तर पर एक ऐसा तंत्र बनाने की जरूरत है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि जब कभी भी भी छोटे स्थलों पर मामले बढ़ने शुरू हो, उससे वहीं स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दिशानिर्देशों के अनुसार स्थानीय नियंत्रण कदमों के जरिए निपटा जाए।

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