Dakshin Bharat Rashtramat

विश्लेषकों ने रिजर्व बैंक द्वारा किए गए राहत उपायों का स्वागत किया

विश्लेषकों ने रिजर्व बैंक द्वारा किए गए राहत उपायों का स्वागत किया

मुंबई/भाषा। विश्लेषकों ने कोरोना वायरस से अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान को कम करने के लिए रिजर्व बैंक के किए गए उपायों का एक सुर में स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मौजूदा परिस्थिति में राहत के उपाय अपरिहार्य थे। रिजर्व बैंक ने प्रस्तावित नीतिगत घोषणा से पहले ही अप्रत्याशित तौर पर शुक्रवार को रेपो दर, रिवर्स रेपो दर, नकदी आरक्षित अनुपात में कटौती समेत कई नीतिगत उपायों की घोषणा की।

रिजर्व बैंक ने रेपो दर में 0.75 प्रतिशत की कटौती की है। इसके अलावा उसने नकदी आरक्षित अनुपात कम कर बाजार में 3.76 लाख करोड़ रुपए की नकदी डालने की भी घोषणा की है। रिजर्व बैंक ने बैंकों को सावधि ऋण की किस्तों के भुगतान से ग्राहकों को कुछ समय तक छूट देने की भी सुविधा दी है।

कोटक महिंद्रा बैंक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने बेहद उचित तरीके से एक ऐसा विस्तृत तोहफा दिया है, जिसमें अर्थव्यवस्था के हर पहलुओं का ध्यान रखा गया है। इससे बैंकों और वित्तीय संस्थानों का डर कम होगा।’

उन्होंने कहा कि यदि कोरोना वायरस के कारण प्रतिकूल परिस्थिति लंबी खिंचती है तो रिजर्व बैंक रेपो दर में 0.40 से 0.50 प्रतिशत तक की और कटौती कर सकता है। डीबीएस की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि रिजर्व बैंक ने नीतिगत दर में आक्रामक कटौती कर सारे अवरोध हटा दिए हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक कर्ज की ब्याज दरें कम करना तथा बैंकों के ऊपर पूंजी के प्रावधान का बोझ घटाना चाहता है।

एसबीआई म्यूचुअल फंड के मुख्य निवेश अधिकारी नवनीत मुहनोत ने कहा कि भारत में राजकोषीय नीति में कुछ अधिक कर पाने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है। ऐसे में मौद्रिक नीति ने एक बार फिर से अर्थव्यवस्था को उठाने का प्रयास किया है, जब वृद्धि दर के ऊपर गहरा जोखिम मंडरा रहा है।

डिलॉयट के पार्टनर हिमनीष चौधरी ने कहा कि यह घोषणा स्वागत योग्य है। यह उद्योग जगत की सारी चिंताओं को दूर करता है। उद्योग संगठन सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने भी रिजर्व बैंक की घोषणा का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि परिस्थिति के आगे भी जारी रहने की स्थिति में उन्हें ईएमआई पर दी गई राहत को बढ़ाए जाने का अनुमान है।

आईडीएफसी एएमसी के सुयश चौधरी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक ने उन चिंताओं को दूर कर दिया है कि वह आपातकालीन स्थिति में जरूरी होने वाले कदम उठाने से बच रहा है।’

About The Author: Dakshin Bharat

Dakshin Bharat  Picture