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न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ ली

न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ ली

न्यायमूर्ति बोबडे को सीजेआई पद की शपथ दिलाते राष्ट्रपति कोविंद

नई दिल्ली/भाषा। कई अहम मामलों में फैसला लेने वाले और अयोध्या विवाद को लेकर हाल में ऐतिहासिक फैसला लेने वाली पीठ में शामिल रहे न्यायमूर्ति शरद अरविंद बोबडे ने सोमवार को देश के 47वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति बोबडे (63) को शपथ ग्रहण कराई।

न्यायमूर्ति रंजन गोगोई रविवार को सेवानिवृत्त हुए जिसके बाद न्यायमूर्ति बोबडे ने प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। न्यायमूर्ति बोबडे ने राष्ट्रपति भवन के दरबार हाल में आयोजित एक समारोह में ईश्वर के नाम पर अंग्रेजी में शपथ ग्रहण की।

शपथ ग्रहण समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई वरिष्ठ मंत्री मौजूद थे। पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इस दौरान उपस्थित थे।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा था कि वे उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति या उनके नाम को खारिज करने संबंधी कोलेजियम के फैसलों का खुलासा करने के मामले में पारंपरिक दृष्टिकोण अपनाएंगे।

न्यायमूर्ति बोबडे ने पिछले महीने सीजेआई के तौर पर चुने जाने के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि नागरिकों की जानने की इच्छा पूरी करने के लिए लोगों की प्रतिष्ठा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता।

देश की अदालतों में न्यायाधीशों के खाली पड़े पदों और न्यायिक आधारभूत संरचना की कमी के सवाल पर न्यायमूर्ति बोबडे ने अपने पूर्ववर्ती प्रधान न्यायाधीश गोगोई की ओर से शुरू किए गए कार्यों को तार्किक मुकाम पर पहुंचाने की इच्छा जताई। अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद पर फैसला देकर 1950 से चल रहे विवाद का पटाक्षेप करने वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ में न्यायमूर्ति बोबडे भी थे।

तत्कालीन सीजेआई जेएस खेहर की अगुवाई में नौ न्यायाधीशों की पीठ ने अगस्त 2017 में एकमत से, निजता के अधिकार को भारत में संवैधानिक रूप से संरक्षित मूल अधिकार होने का फैसला दिया था। इस पीठ में भी न्यायमूर्ति बोबडे शामिल थे। प्रधान न्यायाधीश के रूप में बोबडे का कार्यकाल करीब 17 महीने का होगा और वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति बोबडे महाराष्ट्र के वकील परिवार से आते हैं और उनके पिता अरविंद श्रीनिवास बोबडे भी मशहूर वकील थे।

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