Dakshin Bharat Rashtramat

सत्ता ऐसे व्यक्ति को मिले जो उपभोग शून्य हो : सुमित्रा

सत्ता ऐसे व्यक्ति को मिले जो उपभोग शून्य हो : सुमित्रा

पटना। लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने राजनीति में शुचिता के महत्व पर बल देते हुये शनिवार को कहा कि सत्ता ऐसे व्यक्ति को मिलनी चाहिए जो उपभोग शून्य हो। श्रीमती महाजन ने यहां छठे भारत प्रक्षेत्र राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन के उद्घाटन के बाद कहा कि ऐसे व्यक्ति को सत्ता मिलनी चाहिए जो उपभोग शून्य हो। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को सही तरीके से चलाने के लिए उसके तीनों स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच संतुलन होना जरूरी है। लोकसभा अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुये कहा कि श्री मोदी ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने उच्च पद पर रहते हुये लाल किले की प्राचीर से स्वच्छता जैसे विषय को राष्ट्रीय मुद्दा बना दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों का ही नतीज है कि आज स्वच्छता पूरे देश में अभियान का रूप ले चुका है। श्रीमती महाजन ने कहा कि बिहार को नीतीश कुमार के रूप में ऐसा मुख्यमंत्री मिला है, जो राज्य का न्याय के साथ विकास करने में लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की राजनीतिक परिपक्वता और सूझबूझ का कोई सानी नहीं है। मुख्यमंत्री ने नशा, दहेज और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ एक जन आंदोलन ख़डा कर दिया है। इसके विरुद्ध राज्य के लोगों ने भी एकजुटता दिखाई, जिसका परिणाम है कि दो बार रिकॉर्ड मानव श्रृंखला बनी।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि विकास के लिए केवल कानून बनाने से काम नहीं चलेगा बल्कि योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन भी जरूरी है। इसके लिए जनजागृति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में जन प्रतिनिधियों को भी गंभीरता से सोचना होगा। सरकार से मिलने वाली राशि जनता तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पीकर्स रिसर्च इनिशिएटिव शुरू की गई है। इसके तहत विशेषज्ञों को बुलाकर जन प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कराई जाएगी और इसके निष्कर्ष का आम जनता के विकास में इस्तेमाल किया जाएगा।महाजन ने कहा कि सम्मेलन में कैसे संसदीय प्रणाली को टिकाऊ और लोकतंत्र को शक्तिशाली बनाया जाये विषय पर चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आज बिहार में काम हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘विश्व का पहला गणतंत्र वैशाली भी बिहार में ही था, जहां हम बैठकर लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ विधायिका और न्यायपालिका पर विचार करेंगे।‘

About The Author: Dakshin Bharat

Dakshin Bharat  Picture