नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय में अयोध्या विवाद पर सुनवाई चलने के साथ ही अदालत के बाहर भी इस मसले को सुलझाने की कोशिश रंग लाती नजर आ रही है। देश के एक बड़े मौलाना अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के समर्थन में आगे आए हैं। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एग्जिक्यूटिव सदस्य मौलाना सईद सलमान हुसैन नदवी और श्री श्री रविशंकर के बीच बेंगलूरू में मुलाकात हुई है जिसमें राम मंदिर को मूर्त रुप देेने के सबसे नवीन फॉर्मूले पर बातचीत हुई। इसी बैठक में मौलाना ने कहा कि राम मंदिर के लिए मस्जिद को कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर आपसी बातचीत से इसका हल निकाला जाए तो मुसलमान जमीन छोड़ने के लिए सहमत हो सकते हैं। मौलाना ने कहा कि मजहब में जगह बदलने की गुंजाइश है लेकिन इस बात का करार हो कि आगे से कहीं किसी भी मस्जिद, मदरसे के साथ छेड़छाड़ नहीं होगी।
अयोध्या में राम मंदिर बनाने की तैयारी पूरे जोर-शोर से चलने पर मौलाना सलमान नदवी ने कहा कि बाबरी विध्वंस का जो मंजर बीत गया वह एक अतीत था। सांप्रदायिक सौहार्द के लिए मुसलमानों की बाहुल्यता वाली जगह पर मस्जिद और विश्वविद्यालय बनाया जाए। उन्होंने कहा कि जहां तक बाबरी मस्जिद का ताल्लुक है तो इस मस्जिद में एक अरसे से नमाज नहीं हो पा रही थी और जो हादसा पेश आया वो अतीत का एक हिस्सा हो गया। उन्होंने कहा कि हम यह चाहते हैं कि मुस्लिम आबादी में वहां पर जो जगह है वह जगह मुसलमानों को मिले जहां पर एक अच्छी मस्जिद का निर्माण किया जा सके। इसके साथ ही मुस्लमानों को विश्वविद्यालय बनाने की इजाजत दी जाए।
उल्लेखनीय है कि मौलाना सलमान नदवी इस्लाम के बड़े जानकार हैं और पूरी दुनिया में उनकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है। वह बड़े-बड़े इस्लामिक देशों में इस्लाम पर लेक्चर देने जाते हैं। ज्ञातव्य है कि अयोध्या विवाद का हल अदालत के बाहर करने को लेकर श्रीश्री रविशंकर पिछले कुछ समय से लगातार पहल कर रहे हैं और वह अयोध्या जाकर भी साधु-संतों से मिल चुके हैं। बेंगलूरु में हुई मुलाकात के बाद एक बार फिर श्रीश्री और मुस्लिम उलेमा अयोध्या में मिलकर बैठक करने के लिए तैयार हो गए हैं।
इस मुद्दे को लेकर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में दो फाड़ हो गई दिखती हैं। बोर्ड का एक धड़ा कोर्ट के फैसले का इंतजार करने पक्ष में है जबकि दूसरा पक्ष कोर्ट के बाहर मामले के हल के पक्ष में है। बोर्ड की वर्किंग कमेटी के सदस्य और जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने राम मंदिर पर कोर्ट के बाहर किसी भी तरह की बातचीत करने का विरोध किया है। उन्होंने श्रीश्री रविशंकर और बोर्ड के लोगों के बीच बातचीत को गलत ठहराया है और बोर्ड से अलग होने की धमकी दी है। इस मीटिंग के संयोजक अतहर हुसैन सिद्दकी ने कहा कि एक पक्ष बोर्ड के सदस्य अयोध्या मसले पर बातचीत करने को तैयार हैं।
अयोध्या मसले का हल अदालत के बाहर?
अयोध्या मसले का हल अदालत के बाहर?