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मानव तस्करी मामलों की जांच कर सकती है एनआईए

मानव तस्करी मामलों की जांच कर सकती है एनआईए

नई दिल्ली। आतंकवाद निरोधक एजेंसी एनआईए को मानव तस्करी के मामलों की जांच का अधिकार दिया जा सकता है। इस संबंध में गृह मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय सहित विभिन्न हितधारकों के बीच करीब साल भर से विचार विमर्श चल रहा है। सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को यह अतिरिक्त जिम्मेदारी पिछले साल प्रस्तावित मानव तस्करी विरोधी कानून के तहत दी जाएगी। इस कदम के लिए आतंकवाद निरोधक एजेंसी को जन्म देने वाले कानून – राष्ट्रीय जांच अधिनियम, २००८ – में संशोधन करने की भी जरूरत होगी।सूत्रों ने बताया कि मानव तस्करी मसौदा (निरोध, सुरक्षा एवं पुनर्वास) विधेयक, २०१६ ने मानव तस्करी के मामलों को लेकर निरोध, जांच तथा पीि़डतों की सुरक्षा के लिए मानव तस्करी से संबंधित राष्ट्रीय ब्यूरो गठित करने का प्रस्ताव दिया था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘गृह मंत्रालय चाहता है कि एनआईए मानव तस्करी के मामलों की जांच करे और हम उस पर सहमत हो गए।’’ गृह मंत्रालय ने मसौदा विधेयक के लिए अपनी मंजूरी भी दे दी। प्रधानमंत्री कार्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद, मंत्रिमंडल का एक नोट जारी किया जाएगा। एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि एनआईए का एक प्रकोष्ठ मानव तस्करी के मामलों की जांच कर सकता है।केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद मसौदा विधेयक संसद में पेश किया जाएगा। एनजीओ शक्ति वाहिनी के प्रमुख रवि कांत ने कहा, स्थानीय पुलिस एजेंसियों के अंतर राज्यीय या सीमा पार अपराधों की जांच करने में सक्ष्म ना होने के कारण मानव तस्करों को छूट मिली हुई है। हमें एक नोडल एजेंसी चाहिए क्योंकि तस्करी के ८० से ९० प्रतिशत मामले एक से दूसरे राज्यों में फैले हैं।

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