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नटराजन के खिलाफ सुनवाई का रास्ता साफ

नटराजन के खिलाफ सुनवाई का रास्ता साफ

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने चेन्नई स्थित पीएनएल निधि लिमिटेड से जु़डे, वर्ष २००४ के हाई-प्रोफाइल पोंजी घोटाला मामले में श्रीराम समूह के वर्तमान निदेशक एस. नटराजन के खिलाफ सुनवाई का रास्ता साफ कर दिया है। आरोप है कि पीएनएल निधि लिमिटेड ने १३,००० से अधिक निवेशकों से कथित रूप से ६८.५० करो़ड रुपए एकत्र किए लेकिन लौटाया नहीं। न्यायालय ने नटराजन के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई रद्द करने संबंधी मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश को दरकिनार कर दिया। नटराजन वर्ष २००० तक आरोपी फर्म के पीएनएल निधि लिमिटेड के निदेशकों में से एक थे। फिलहाल यह कंपनी बंद है। निजी वित्त कंपनी और नटराजन सहित कई अन्य पर वर्ष २००४ में जनता के धन की अनियमितताओं और संपत्ति में फर्जीवा़डा करने का आरोप लगा। उन पर १३,२९५ निवेशकों से ६८.५० करो़ड रुपए एकत्र करने और वापस लौटाने में ग़डब़डी करने का आरोप है।उच्च न्यायालय ने वर्ष १९९५ से २००० तक आरोपी फर्म के निदेशक रहे नटराजन के खिलाफ सुनवाई को खारिज कर दिया था। न्यायालय के न्यायमूर्ति राजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले को दरकिनार कर दिया है। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा ने कहा कि जब नटराजन पीएनएल निधि लिमिटेड के निदेशक थे उस दौरान कंपनी के कोषों को विभिन्न कारपोरेट निकायों को दिया गया जिसके कारण कंपनी जमाकर्ताओं को राशि का भुगतान नहीं कर पाई।

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