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वैज्ञानिक सोच से ही होगी देश की तरक्की : जावड़ेकर

वैज्ञानिक सोच से ही होगी देश की तरक्की : जावड़ेकर

नई दिल्ली। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जाव़डेकर ने कहा है कि जब तक वैज्ञानिक सोच को अपनाया नहीं जाता देश की तरक्की नहीं हो सकती है इसलिए छात्रों को नवाचार शोध एवं प्रयोगों पर अपना ध्यान अधिक के्द्रिरत करने की जरूरत है। जाव़डेकर ने बुधवार को यहां देशभर के एक लाख चालीस हजार बच्चों के बीच आयोजित त्रिस्तरीय प्रतियोगिता के जरिए चुने गए १४ सर्वाधिक प्रतिभाशाली बच्चों को सम्मानित करते हुए यह बात कही। राष्ट्रीय शैक्षणिक एवं अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) विज्ञान भारती और विज्ञान प्रसार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में २९ राज्यों एवं पांच केंद्र शासित राज्यों के १४७२ स्कूलों के छात्रों ने भाग लिया था। इनमें से केवल १८ छात्र चुने गए जिनमें से १४ छात्र बुधवार को यहां उपस्थित थे। इनमे पांच छात्राएं थी। इन सभी एक लाख चालीस ह़जार छात्रों को पहले चरण में पूर्व राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम और दुनिया में भारत के वैज्ञानिक योगदान पर प्रकाशित पुस्तकें वितरित की गई थी और उनमें से ही छात्रों से सवाल पूछे गए थे। जाव़डेकर ने इन बच्चों से कहा कि जब भी अवसर मिले आदमी को सीखना चाहिए। जीवन में सीखना कभी ख़त्म नहीं होता। जब तक वैज्ञानिक सोच को अपनाया नहीं जाता देश तरक्की नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि यह कहना ठीक नहीं है कि सब कुछ विदेश में है अपने देश में कुछ भी नहीं जबकि भारत कभी दुनिया में शिक्षा का केंद्र था और नालंदा तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय यहीं थे। उन्होंने कहा कि विज्ञान और शोध के जरिए देश को आगे ले जाया जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी वैज्ञानिक सोच को विकसित करने की बात कही थी। उन्होंने छात्रों से यह भी कहा कि वे नवाचार प्रयोग और शोध पर अधिक ध्यान दें। वे ही दरअसल नए भारत के नायक हैं, इसी को प्रधानमंत्री न्यू इंडिया कहते हैं। दिल्ली, मेरठ, चंडीग़ढ, गोवा, बेंगलूरु, नागपुर और बोकारो आदि शहरों से आए बच्चों ने जाव़डेकर को बताया कि विज्ञान में किन-किन विषयों में उनकी गहरी दिलचस्पी है और वे जीवन में क्या बनना चाहते हैं। जाव़डेकर ने भी बच्चों से कई सवाल पूछे जिनका बुधिमत्तापूर्ण ढंग से इन बच्चों ने जवाब दिया और इससे जाव़डेकर अत्यंत प्रसन्न भी हुए। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने इन बच्चों को एक पदक भी प्रदान किया और एक ग्रुप फोटो भी खिंचवाया। इन बच्चों के साथ उनके अभिवावक भी आए थे। अगले वर्ष यह प्रतियोगिता देश के दो महान वैज्ञानिकों होमी जहांगीर भाभा और विक्रम साराभाई पर आयोजित होगी।

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