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पूर्व कोयला सचिव को दो साल की सजा, जमानत मिली

पूर्व कोयला सचिव को दो साल की सजा, जमानत मिली

नई दिल्ली। केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन के एक मामले में सोमवार को पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता तथा मंत्रालय के दो अन्य तत्कालीन अधिकारियों को दो-दो साल की कैद की सजा सुनाई। हालांकि, बाद में उन्हें उच्च न्यायालय में अपील करने के लिए जमानत दे दी। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश भारत पाराशर ने गत शुक्रवार को गुप्ता और दो अन्य अधिकारियों के एस क्रोफा और केसी समारिया को इस मामले में दोषी करार दिया था। अदालत ने सजा के अलावा तीनों पर एक-एक करो़ड रुपए का जुर्माना भी लगाया है। विशेष न्यायाधीश ने कमल स्पांज स्टील एंड पावर लिमिटेड (केएसएसपीएल) के प्रबंध निदेशक पवन कुमार अहलूवालिया को तीन साल की सजा और तीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। इनके अलावा केएसएसपीएल पर भी एक करो़ड रुपए का जुर्माना लगाया गया है। यह मामला मध्यप्रदेश के थेसगोरा-बी रुद्रपुरी कोयला ब्लाक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित था। अदालत ने इस मामले के एक अन्य आरोपी चार्टर्ड एकांउटेंट अमित गोयल को १९ मई को फैसला सुनाते हुए बरी कर दिया था। इस मामले में ब्यूरो ने अक्टूबर २०१२ में प्राथमिकी दर्ज की थी, किन्तु बाद में २७ मार्च २०१४ को क्लोजर रिपोर्ट लगा दी थी। अदालत ने १३ अक्टूबर २०१४ को रिपोर्ट खारिज करते हुए गुप्ता और अन्य आरोपियों को समन जारी किया था। ब्यूरो का आरोप था कि कंपनी ने अपनी मौजूदा क्षमता और नेटवर्क की गलत जानकारी दी। राज्य सरकार ने भी किसी कोयला ब्लॉक आवंटन की सिफारिश नहीं की थी।

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