नई दिल्ली/दक्षिण भारत। केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का गुरुवार शाम को निधन हो गया। वे 74 साल के थे। पिछले कई दिनों से उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था। उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली।
पासवान के बेटे और लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने ट्वीट किया, ‘पापा.. अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं, हमेशा मेरे साथ हैं। मिस यू पापा।’
गौरतलब है कि हाल में रामविलास पासवान के हृदय का ऑपरेशन हुआ था, जिसके बारे में चिराग ने ट्वीट कर जानकारी दी थी। पासवान पिछले करीब पांच दशक से भी ज्यादा समय से राजनीति में सक्रिय थे। देश के प्रमुख दलित नेताओं में उनका नाम शामिल किया जाता था।
पासवान जून 2019 में निर्विरोध राज्यसभा सांसद निर्वाचित हुए थे। उन्होंने 1960 के दशक में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के विधायक के तौर पर राजनीतिक करियर का आगाज किया था।
वे साल 2009 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से पराजित हो जाने के बाद तत्कालीन सहयोगी दल राजद की सहायता से 2010 में भी राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। हालांकि, उन्होंने 2014 में राज्यसभा से इस्तीफा देकर बतौर राजग प्रत्याशी हाजीपुर से चुनाव लड़ा और जीते थे।
प्रधानमंत्री ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामविलास पासवान के निधन पर दुख व्यक्त किया है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘उनके निधन का दुख शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता। उनके जाने से जो जगह खाली हुई है, उसे कोई नहीं भर सकता है। रामविलास पासवानजी का निधन मेरे लिए निजी क्षति है। मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी और गरीबों का जीवन सम्मान से बीते, ऐसा सुनिश्चित करने वाला शख्स खोया है।’