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कमलनाथ ने दिए संकेत, बदला जा सकता है मप्र कांग्रेस अध्यक्ष

कमलनाथ ने दिए संकेत, बदला जा सकता है मप्र कांग्रेस अध्यक्ष

मप्र के मुख्यमंत्री कमलनाथ

इंदौर/भाषा। लोकसभा चुनावों की करारी हार के बाद देशभर में कांग्रेस संगठन में जारी उथल-पुथल के बीच मध्यप्रदेश में पार्टी का अध्यक्ष जल्द बदला जा सकता है। इस बात के स्पष्ट संकेत खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शनिवार शाम दिए जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बदले जाने की सुगबुगाहट के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने यहां संवाददाताओं से कहा, मैंने मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के ठीक बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए पार्टी आलाकमान से कहा था कि संगठन का यह ओहदा किसी अन्य नेता को सौंप दिया जाए। तब मुझे कहा गया था कि मैं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बना रहूं।

अप्रैल 2018 में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किए गए वरिष्ठ राजनेता ने कहा, …तो नया अध्यक्ष (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष) बनेगा। हमें भाजपा की चुनावी मशीनरी से मुकाबला करना है। इस मुकाबले के लिए हमें इस विरोधी पार्टी की तरह अपनी चुनावी मशीनरी बनानी है। हमें कांग्रेस संगठन को एक नई दृष्टि से आकार देना है।

इस बीच, कांग्रेस के मीडिया विभाग की प्रदेश इकाई की प्रमुख शोभा ओझा ने कहा, कमलनाथ कांग्रेस आलाकमान से मिलने जा रहे हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस संगठन को नया अध्यक्ष मिलेगा।

प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन को भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है। राज्य के लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में बच्चन का नाम सुझा चुके हैं। वर्मा ने 17 जून को एक बयान में कहा था कि आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बच्चन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने से जनजातीय वर्ग में अच्छा संदेश जाएगा।

बच्चन ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनका नाम सुझाए जाने के बारे में पूछे जाने पर कहा, मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। अब तक मैंने पार्टी की हर जिम्मेदारी को अच्छी तरह निभाने की कोशिश की है। आने वाले समय में भी पार्टी मुझे जो जिम्मेदारी देगी, मैं उसे बखूबी निभाऊंगा।

लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रचंड लहर के कारण कांग्रेस को मध्यप्रदेश की 29 में 28 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस केवल छिंदवाड़ा सीट जीत सकी थी। यह सीट कमलनाथ का मजबूत गढ़ मानी जाती है। इस बार छिंदवाड़ा सीट से उनके बेटे नकुलनाथ विजयी होकर लोकसभा पहुंचे हैं।

नवम्बर 2018 के विधानसभा चुनावों में भाजपा को नजदीकी अंतर से सत्ता से बेदखल करते हुए कांग्रेस ने 15 साल के लम्बे अंतराल के बाद सूबे में अपनी सरकार बनाई थी।

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