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खिसकी सियासी जमीन तो रणनीति बनाने में जुटे अखिलेश, अब ऐसे करेंगे चुनौतियों का सामना

खिसकी सियासी जमीन तो रणनीति बनाने में जुटे अखिलेश, अब ऐसे करेंगे चुनौतियों का सामना

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव

लखनऊ/दक्षिण भारत। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजयरथ रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और रालोद का गठबंधन उम्मीदों से बेहद कम सीटें जीत पाया है। इसके बाद तीनों पार्टियों के खेमे में हार के कारणों पर मंथन हो रहा है। चुनाव में सपा का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा और उसके कई जानेमाने चेहरे हार गए।

अब सपा नेतृत्व हार के कारणों को जानने में जुटा है। उत्तर प्रदेश में लगातार जनाधार खिसकने के बाद सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव भी अखिलेश को नसीहत दे चुके हैं। वहीं, अखिलेश अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए रणनीति बनाने में जुटे हैं ताकि उप्र में फिर से जड़ मजबूत हो। इसी सिलसिले में अखिलेश 3 जून को आजमगढ़ जाएंगे, जहां से उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है।

जानकारी के अनुसार, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में उत्साह जगाने के लिए अखिलेश उप्र के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे। इस दौरान वे लोगों से मिलेंगे और केंद्र सरकार को घेरने के लिए मुद्दे उठाएंगे।

सपा को सबसे ज्यादा नुकसान
लोकसभा चुनाव पूर्व माना जा रहा था कि सपा-बसपा और रालोद का परंपरागत वोट यदि एक-दूसरे की ओर ट्रांसफर हुआ तो यह भाजपा पर भारी पड़ेगा। हालांकि नतीजों ने साबित कर दिया कि गठबंधन नेताओं का यह आकलन सही नहीं था। भाजपा की आंधी में गठबंधन के केवल कुछ चेहरे ही अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे।

इस करारी हार ने सपा नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है क्योंकि गठबंधन के बावजूद उसकी सीटों में कोई इजाफा नहीं हुआ। अब सपा की सियासी जमीन दोबारा हासिल करने के लिए अखिलेश आम कार्यकर्ताओं और लोगों से संवाद करेंगे ताकि आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी का जनाधार बढ़ सके।

रार और हार ने बढ़ाईं मुश्किलें
यादव कुनबे में मची रार के बाद पैदा हालात ने सपा को 2017 के विधानसभा चुनाव में खासा नुकसान पहुंचाया। बाद में मुलायम के छोटे भाई और कभी सपा में दूसरे सबसे ज्यादा प्रभावशाली शख्स रहे शिवपाल ने भी अलग राह अपना ली। हालांकि उनकी ‘प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया’ अब तक कोई खास कमाल नहीं दिखा पाई, लेकिन मुलायम सिंह यादव इस बात पर जोर देते रहे हैं कि सपा को अगर अपना जनाधार बढ़ाना है तो पुराने नेताओं को फिर से जोड़ना होगा। एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अब सपा हर जिले में अपने विश्वसनीय चेहरों को आगे लाएगी और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपेगी। अगर जरूरी हुआ तो प्रदेश स्तर पर चेहरे बदले जाएंगे।

आजमगढ़ में मतों का गणित
उप्र की आजमगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़े सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को कुल 6 लाख 21 हजार 578 वोट मिले। दूसरी ओर, भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव निरहुआ के खाते में 3 लाख 61 हजार 704 वोट पड़े। यहां कुल 15 प्रत्याशी मैदान में थे। 7,255 वोट नोटा को मिले।

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