Dakshin Bharat Rashtramat

दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका, उत्तर-पूर्व सीट पर शीला के प्रचार शुरू करते ही 12 नेताओं का इस्तीफा

दिल्ली में कांग्रेस को बड़ा झटका, उत्तर-पूर्व सीट पर शीला के प्रचार शुरू करते ही 12 नेताओं का इस्तीफा

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित

नई दिल्ली/दक्षिण भारत। देश की राजधानी में अपना जनाधार मजबूत करने में जुटी कांग्रेस को जोरदार झटका लगा है। यहां से पार्टी के 12 नेताओं ने एक साथ अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। दिल्ली में 12 मई को होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं के इस फैसले ने पार्टी नेतृत्व को चिंता में डाल दिया है।

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा उत्तर-पूर्व लोकसभा सीट पर प्रचार शुरू करते ही नेताओं के इस्तीफे आने शुरू हो गए। घटना के पीछे भीष्म शर्मा का पार्टी से निलंबन अहम वजह बताई जा रही है। पूर्व जिलाध्यक्ष और चार विधायक रहे भीष्म शर्मा को छह साल के लिए निलंबित किया गया है।

इसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया। जिन नेताओं ने इस्तीफे सौंपे, वे भी शर्मा के करीबी बताए जा रहे हैं। शर्मा के निलंबन के विरोध में दर्जन भर नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफे भेज दिए।

इन नेताओं की दलील है कि भीष्म शर्मा पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं रहे हैं। उन्हें निलंबित करने से पूर्व कारण बताओ नोटिस न देकर अपना पक्ष रखने का मौका तक नहीं​ दिया गया। इसके बाद इन नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफे देकर विरोध जताया।

शीला के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की तैयारी
माना जा रहा है ​कि आने वाले समय में शर्मा के निलंबन के विरोध में और नेता भी इस्तीफा दे सकते हैं। भीष्म शर्मा समर्थक संगठन और कार्यकर्ता शीला दीक्षित के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का मन बना रहे हैं।

वैसे शीला और भीष्म के बीच रार करीब ढेड़ दशक पुरानी है। शर्मा को शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री रहते कांग्रेस का टिकट मिला था और वे चार बार विधायक चुने गए। वे कुल सात बार टिकट पाने में सफल रहे थे। चर्चा है कि इस बार वे लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी का टिकट चाह रहे थे।

बढ़ सकता है कांग्रेस में टकराव
भीष्म शर्मा ने हाल में शीला दीक्षित का विरोध उस समय शुरू कर दिया था जब वे दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनाई गईं। हालांकि उनके विरोध को ज्यादा अहमियत नहीं मिली। शीला दीक्षित उत्तर-पूर्व संसदीय क्षेत्र से मैदान में हैं, जहां भीष्म का अच्छा प्रभाव माना जाता है। शीला के नामांकन भरने के बाद ही भीष्म के निलंबन का आदेश जारी हो गया। माना जा रहा है कि इस फैसले से पार्टी में टकराव बढ़ सकता है।

क्या कहते हैं भीष्म?
वहीं, मामले में अपना पक्ष रखते हुए भीष्म शर्मा ने कहा कि उन्होंने जीवन के 41 साल कांग्रेस के नाम किए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता मनोज तिवारी यहां से सांसद हैं। उनसे शिष्टाचारवश और क्षेत्र की समस्याओं के सन्दर्भ में मुलाकात की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वे पूर्व में भी उनसे कई बार मिल चुके हैं। शर्मा ने दावा किया कि वे पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं हैं। बता दें कि भीष्म शर्मा ने अपने समर्थकों की बैठक भी बुलाई है। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पूर्व दिल्ली में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं।

देश-दुनिया की हर ख़बर से जुड़ी जानकारी पाएं FaceBook पर, अभी LIKE करें हमारा पेज.

About The Author: Dakshin Bharat

Dakshin Bharat  Picture