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चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय से कहा : वीवीपैट पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे उपयुक्त

चुनाव आयोग ने उच्चतम न्यायालय से कहा : वीवीपैट पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे उपयुक्त

भारत निर्वाचन आयोग

नई दिल्ली/भाषा। निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वीवीपैट की पर्चियों की गणना का वर्तमान तरीका सबसे अधिक उपयुक्त है। आयोग ने प्रति विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से अकस्मात तरीके से वीवीपैट की पर्चियों की गणना की प्रणाली को न्यायोचित ठहराया।

आयोग ने कहा कि वह किसी भी ऐसे सुझाव पर विचार के लिए तैयार है जिससे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से चुनाव कराने में सुधार मदद मिलती हो।

निर्वाचन आयोग ने शीर्ष अदालत के 25 मार्च के सवाल के उत्तर में एक हलफनामा दाखिल किया है। न्यायालय जानना चाहता था कि क्या एक विधानसभा क्षेत्र के एक मतदान केन्द्र से अकस्मात तरीके से लिए जाने वाले नमूना सर्वेक्षण की संख्या बढ़ाई जा सकती है?

आयोग ने इस संबंध में न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि इन याचिकाओं में आगामी चुनाव के मुद्दे उठाए गए हैं जिन पर निर्वाचन आयोग ने विचार किया, अध्ययन किया और निर्णय लिया और इसके बाद वर्तमान तरीके से आगामी चुनाव कराने के बारे में फैसला किया गया।

आयोग ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चन्द्रबाबू नायडू के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों के नेताओं की याचिका का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें इस समय वर्तमान प्रणाली में बदलाव के लिए कोई वजह नहीं बताई गई है।

साथ ही आयोग ने कहा कि वर्तमान प्रणाली को आसन्न चुनाव में जारी रहने दिया जाए क्योंकि यह सबसे अधिक उपयुक्त पाई गई है।

निर्वाचन आयोग ने इस समय विधानसभा चुनाव के लिए एक निर्वाचन क्षेत्र से एक मतदान केन्द्र और लोकसभा चुनाव के मामले में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के एक-एक मतदान केन्द्र की वीवीपैट पर्चियों की गणना की प्रणाली अपनाई है।

याचिका दायर करने वाले विपक्षी नेता चाहते हैं कि अगले महीने होने वाले लोकसभा चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग मशीनों की कम से कम 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों की गणना की जाए।

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