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पोंजी घोटाला मामले में जनार्दन रेड्डी गिरफ्तार, 24 नवंबर तक भेजे गए जेल

पोंजी घोटाला मामले में जनार्दन रेड्डी गिरफ्तार, 24 नवंबर तक भेजे गए जेल

janardhan reddy

बेंगलूरु। पोंजी घोटाला मामले में कर्नाटक के पूर्व मंत्री और खनन उद्योगपति जी. जनार्दन रेड्डी को बेंगलूरु की स्थानीय अदालत ने 24 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। दो दिनों की पूछताछ के बाद बेंगलूरु पुलिस की केंद्रीय क्राइम ब्रांच ने उन्हें गिरफ्तार किया था। उनके साथी महफूज अली खान को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। क्राइम ब्रांच की ओर से कहा गया है कि रेड्डी को गिरफ्तार करने का फैसला उनके खिलाफ मिले अहम सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर लिया गया है।

आरोप है कि रेड्डी मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल रहे। इसके अलावा मुख्य आरोपी की गैर-कानूनी ढंग से रकम के लेनदेन के जरिए मदद की। अदालत ने शुक्रवार को इस मामले में रेड्डी की अग्रिम जमानत याचिका पहले ही खारिज कर दी थी। केंद्रीय क्राइम ब्रांच के एडिशनल सीपी आलोक कुमार ने बताया कि रेड्डी को अदालत में पेश किया जाएगा। इसके बाद रकम जब्त कर निवेशकों को लौटाई जाएगी।

जनार्दन रेड्डी शनिवार को पोंजी घोटाला मामले में पुलिस के सामने पेश हुए थे। उन्होंने खुद पर लगे आरोपों को सियासी साजिश बताया और उनसे इनकार करते रहे। उससे पहले उन्होंने किसी अज्ञात स्थान से एक वीडियो भी रिकॉर्ड कर बताया था कि वे केंद्रीय क्राइम ब्रांच के समक्ष हाजिर होंगे। उसके बाद वे वकीलों के साथ कार में सवार होकर आए और केंद्रीय क्राइम ब्रांच दफ्तर पहुंचे।

उन्होंने पुलिस के सामने कहा कि सियासी साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है और वे पुलिस व्यवस्था पर यकीन करते हैं। रेड्डी ने अपने वीडियो में कहा था कि वे शहर में ही हैं और कहीं भाग नहीं रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उन्हें भागने की कोई आवश्यकता ही नहीं है।

उनका एक संदेश टीवी चैनलों पर प्रसारित हुआ था जिसमें वे कह रहे थे कि उन्हें गलत साबित करने के लिए पुलिस के पास एक भी प्रमाण नहीं है और उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। रेड्डी ने पुलिस पर मीडिया को गुमराह करने का आरोप लगाया। रेड्डी ने कहा था कि हकीकत को सामने लाने के लिए उन्होंने वीडियो जारी किया। बता दें कि केंद्रीय क्राइम ब्रांच पुलिस ने बुधवार को ही रेड्डी के खिलाफ तलाशी अभियान शुरू किया था।

रेड्डी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा पोंजी स्कीम जांच में आरोपियों को बचाने का प्रयास किया था। इसके तहत यह आरोप है कि उनके सहयोगी महफूज अली खान ने एम्बीडेंट मार्केटिंग के अहमद फरीद को जांच से बचाने के लिए 18 करोड़ रुपए में मामला तय किया था। इस कंपनी पर पोंजी स्कीम के गंभीर आरोप लगे हैं। यह 600 करोड़ रुपए का घोटाला था। पुलिस का कहना है कि रेड्डी ने ईडी अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की।

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