रोहतक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रोहतक जिले के गढ़ी सांपला में स्वतंत्रता सेनानी सर छोटूराम की प्रतिमा अनावरण किया। यह 64 फीट ऊंची प्रतिमा है जिसका निर्माण अष्टधातु से किया गया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें पुष्प अर्पित कर नमन किया। इसके बाद मोदी ने सर छोटूराम संग्रहालय का अवलोकन किया।
सर छोटूराम का जीवन परिचय
छोटूराम एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी, किसान नेता और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 24 नवंबर, 1881 को गढ़ी सांपला में हुआ था। उस वक्त देश में अंग्रेजों का शासन था जिनके अत्याचार से आम जनता त्रस्त थी। उस समय किसानों की हालत बहुत खराब थी। ऐसे मुश्किल दौर में उन्होंने किसानों के हक में आवाज बुलंद की।
उन्हें किसानों का मसीहा कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन में किसानों के कई आंदोलनों का नेतृत्व किया। उन्हें छोटूराम नाम मिलने के पीछे भी दिलचस्प वजह है। दरअसल वे अपने भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनका असल नाम रिछपाल था। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई अपने गांव से की। बाद में उच्च अध्ययन के लिए दिल्ली चले गए। उन्होंने पत्रकारिता के साथ ही वकालत भी की थी।
उच्च शिक्षित और प्रसिद्ध नेता होने के बावजूद वे बेहद सादगी पसंद थे। वे अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा स्कूलों को दान करते थे। उन्होंने अपना पूरा जीवन गांवों और किसानों को समर्पित किया। वे कांग्रेस की राजनीतिक गतिविधियों से जुड़े थे लेकिन बाद में अलग हो गए। बाद में उन्होंने यूनियनिस्ट पार्टी बनाई और विकास व राजस्व मंत्री बने।
सर छोटूराम ने किसानों को साहूकारों के शोषण से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी मुहिम के कारण पंजाब रिलीफ इंडेब्टनेस, 1934 और द पंजाब डेब्टर्स प्रोटेक्शन एक्ट, 1936 नामक कानून बने। इनमें किसानों के अधिकारों का वर्णन था। 9 जनवरी, 1945 को 63 साल की उम्र में लाहौर में उनका निधन हो गया।
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