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अब द्रमुक में उठी मांग, करुणानिधि को भारत रत्न दे केंद्र सरकार

अब द्रमुक में उठी मांग, करुणानिधि को भारत रत्न दे केंद्र सरकार

m karunanidhi

चेन्नई/दक्षिण भारत। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) ने मंगलवार को केन्द्र सरकार से पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और पांच बार राज्य के मुख्यमंत्री रहने वाले एम करुणानिधि को मरणोपरांत भारत रत्न देने की मांग करने का निर्णय लिया। मंगलवार को एमके स्टालिन को पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी मुख्यालय अन्ना अरिवालय में बुलाई गई पार्टी के महा परिषद की बैठक में इस संबंध में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किए गए।

मंगलवार को महा परिषद की बैठक में इस मुद्दे पर द्रमुक सांसद तिरुचि एन शिवा ने प्रस्ताव पेश किया जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया। इस प्रस्ताव में करुणानिधि को एक अद्वितीय लेखक, एक उत्कृष्ट वक्ता, एक कुशल प्रशासक और बहुआयामी व्यक्तित्व का स्वामी बताया गया। तिरुचि एन शिवा ने कहा कि न सिर्फ तमिलनाडु में रहने वाले बल्कि विदेशों में रहने वाले तमिल भी चाहते हैं कि केन्द्र सरकार करुणानिधि को भारत रत्न प्रदान करे।

द्रमुक के नए अध्यक्ष बने स्टालिन
द्रमुक नेता एमके स्टालिन को मंगलवार को निर्विरोध पार्टी का नया अध्यक्ष चुन लिया गया। पार्टी अध्यक्ष और पिता एम. करुणानिधि की मृत्यु के तीन सप्ताह बाद 65 वर्षीय स्टालिन को द्रमुक प्रमुख चुना गया है। करूणानिधि का सात अगस्त को निधन हो गया था। मंगलवार को चेन्नई स्थित द्रमुक मुख्यालय अन्ना अरिवालय में बुलाई गई पार्टी की महा परिषद की बैठक में सदस्यों की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अनबझगन ने कहा, पार्टी प्रमुख पद के लिए सिर्फ एमके स्टालिन ने नामांकन भरा था… चूंकि स्टालिन के अलावा अन्य कोई पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ रहा है, ऐसे में एमके स्टालिन निर्विरोध पार्टी प्रमुख चुने जाते हैं।

जैसे ही कलैनार अरंगम में हुई बैठक में अध्यक्ष के रुप में स्टालिन के नाम की घोषणा की गई पूरा समां तलपति (दलपति) के नारे से गूंज उठा। द्रमुक के प्रधान सचिव दुरै मुरूगन को पार्टी का नया कोषाध्यक्ष चुना गया है। वह स्टालिन की जगह लेंगे, जिनके अध्यक्ष बनने के कारण पार्टी कोषाध्यक्ष का पद रिक्त हो गया है।

इस दौरान अनबझगन ने याद किया कि कैसे करुणानिधि ने एक बार उनसे कहा था कि उन्होंने स्टालिन के प्रति पिता होने का कोई फर्ज नहीं निभाया, लेकिन स्टालिन ने एक बेटे के रूप में उन्हें गर्व करने के कई अवसर दिए हैं। उन्होंने कहा, आम सभा चाहती थी कि कलैंजर (करुणानिधि) के पुत्र पार्टी अध्यक्ष बनें।

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