दिनाकरण के खिलाफ फेरा मामले में आरोप तय

दिनाकरण के खिलाफ फेरा मामले में आरोप तय

चेन्नई। अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट, एग्मोर ने गुरुवार को वर्ष २००१ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रावधानों के उल्लंघन के संबंध में दर्ज कराए गए मामले में अखिल भारतीय अन्ना द्रवि़ड मुनेत्र कषगम (अम्मा) के उपमहासचिव टीटीवी दिनकरन के खिलाफ आरोप तय कर दिया। इस मामले में अपने वकील के साथ दिनाकरण अदालत के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश हुए। जब अतिरिक्त चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट एस मालमांथी ने उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को अदालत में प़ढा तो दिनाकरण ने इन सभी आरोपों का खंडन किया।दिनाकरण इस अदालत में ईडी द्वारा दर्ज कराए गए दो मामलों का सामना कर रहे हैं। फेरा अधिनियम के उल्लंघन में दिनाकरण के साथ उनकी बुआ शशिकला को भी नामजद किया गया है जो फिलहज्ञल गैर अनुपातिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में बेंगलूरु की परपन्ना अग्रहारम जेल में बंद है। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष ०६ जनवरी को मद्रास उच्च न्यायालय ने शशिकला और दिनाकरण तथा उनके परिवार के अन्य सदस्यों की संलिप्तता वाले एक अन्य फेरा अधिनियम के उल्लंघन के मामले में २५ करो़ड रुपए के जुर्माने को बरकरार रखा था।गुरुवार को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रि़जर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की अनुमति के बिना विदेशी मुद्रा में १,०४,९३,३१३ डॉलर के अवैध लेनदेन के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय किए। दिनाकरण के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने आरबीआई से बिना समुचित अनुमति के यह रकम ब्रिटेन स्थित डिपर इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड नामक एक कंपनी के चालू खाते में जमा कराया। उपरोक्त कंपनी का खाता ब्रिटेन के सटन स्थित वर्जिन आईलैंड स्थित बर्कलेज बैंक में था।अदालत ने अभी तक ३६,३६,००० और १,००,००० डॉलर विदेशी मुद्रा की लेन-देन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की सामान्य या विशिष्ट छूट के बिना भारत के बाहर रहने वाले व्यक्ति को भुगतान करने के मामले में उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किया है। ईडी ने अदालत में दायर मुकदमे में दिनाकरण के खिलाफ यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने विदेश में एक होटल और बाद में शराब की फैक्ट्री खोलने के लिए कर्ज लेने वाले व्यक्ति को अवैध ढंग से विदेशी मुद्रा में दो बार भुगतान किया था। अदालत ने दोनों मामले में अगली सुनवाई २२ जून तक स्थगित कर दी है।ज्ञातव्य है कि दिनाकरण इस वर्ष २२ मार्च को अपने अधिवक्ता के माध्यम से फेरा मामले में एग्मोर अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थिति से राहत देने का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने उन्हें राहत देने से इंकार कर दिया था। प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले की जांच वर्ष १९९६ में शुरु की थी और वर्ष २००१ में दिनाकरण, शशिकला तथा अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। इस मामले में ईडी ने दिनाकरण और अन्य आरोपियों के खिलाफ २८ करो़ड रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

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