बेंगलूरु। कार्यालयों में लगातार कई घंटे बैठकर काम करने वाले अथवा घंटों टेलीविजन से चिपके लोगों को गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की आशंका सामान्य स्थितियों में रहने वालों की तुलना में 61 प्रतिशत बढ़ जाती है। एक नए शोध के अनुसार, लगातार छह घंटे अथवा उससे अधिक समय तक बैठकर काम करने वाले लोगों को कैंसर, मधुमेह, दिल का दौरा, मांसपेशियों एवं हड्डियों से संबंधित गंभीर बीमारियों की चपेट में आने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है।
इस विषय पर एक प्रोफेसर ने 40 वर्ष तक अनुसंधान किया है। शोध में कहा गया है, ‘यह सही है कि कसरत करने से हम बहुत सी बीमारियों से बच सकते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लगातार बैठकर काम करने अथवा टेलीविजन देखने से होने वाले नुकसान से हम बच सकते हैं। लंबे समय से बैठने से हमारी मांसपेशियां क्रियाशील नहीं रहती हैं जिसके कारण हमारे मस्तिष्क को ताजा खून और ताजा ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।
लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियां फैट को कम जला पाती हैं और ऐसे में फैटी एसिड हृदय के काम में रुकावट उत्पन्न करता है। लंबे समय से बैठने से हम उच्च रक्तचाप, खराब केलोस्ट्राल में वृद्धि तो होती है साथ-साथ कई तरह के कैंसर की बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।
शरीर का उपापचय बिगड़ जाता है और अधिक इंसुलिन बनने लगती है। दिन में कम से कम छह घंटे तक टेलीविजन देखने वालों की आयु के पांच वर्ष कम हो जाते हैं। शरीर के किसी भी स्थान पर अधिक समय तक दबाव पड़ने से उस स्थान पर 50 प्रतिशत तक फैट जमा हो जाता है।
एक अन्य शोध के अनुसार, 11 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहने वालों की तीन वर्ष के अंदर मौत की आशंका तीन घंटे से कम समय तक बैठने वालों की तुलना में 40 प्रतिशत अधिक होती है। लगातार बैठने के क्रम को आधे-आधे घंटे की अवधि में तोड़ने से बहुत हद तक इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है।
कुर्सी पर सही तरीके से बैठने, पैरों को जमीन पर सीधाई में रखने, हाथों को कुहनियों से सीधे मोड़कर रखने, पीठ और गर्दन को सीधा रखने और बीच-बीच में शरीर को स्ट्रेच करके तथा आधे घंटे में एक बार कुर्सी से उठकर बहुत हद तक गंभीर बीमारियों चपेट में आने से बचा जा सकता है।